Pradosh Vart:-प्रदोष व्रत क्यों किया जाता है/Why is Pradosh fast observed ~
प्रदोष व्रत के महत्व एवं कथा के बारे में |
सभी माताओं एवं बहनों को मेरा नमस्कार आज हम आपको प्रदोष व्रत के महत्व एवं कथा के बारे में बताते हैं प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार आता है कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि में शाम के समय को प्रदोष कहा गया है जो प्रदोष शुक्रवार के दिन आता है उसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है । भक्त भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने व उनके दर्शन करने के लिए प्रदोष व्रत रखते है, जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं । इस दिन शिव भगवान की विशेष कृपा मिलती है प्रदोष व्रत में शाम का समय पूजा के लिए अच्छा माना जाता है, मान्यता है कि इस समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं इस दिन सभी शिव भक्त मंद स्वर में शाम के समय प्रदोष मंत्र का जाप करते है । प्रदोष व्रत की प्रचलित कथा इस प्रकार है पुराणों में वर्णित एक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक विधवा ब्राह्मणी अपने पुत्र को लेकर भिक्षा लेने जाती थी और संध्या को लौटती थी । एक दिन जब वह भिक्षा लेकर लौट रही थी तो उसे नदी किनारे एक सुंदर बालक दिखाई दिया जो विंद्र देश का राजकुमार धर्म गुप्त था शत्रुओं ने उसके पिता को मारकर उसका राज्य हड़प लिया था उसकी माता की मृत्यु भी अकाल हुई थी ब्राह्मणी ने उस बालक को अपना लिया और उसका अच्छे से पालन पोषण किया । तभी एक दिन अंशुम नामक एक गंधर्व कन्या ने राजकुमार को देखा तो वह उस पर मोहित हो गई अगले दिन अंशुम अपने माता पिता को राजकुमार से मिलाने लाई उन्हें भी राजकुमार पसंद आ गया कुछ दिनों बाद अंशुम के माता पिता को शंकर भगवान ने सपने में आदेश दिया कि राजकुमार और अंशुम का विवाह करा दिया जाए उन्होंने वैसा ही किया, ब्राह्मणी प्रदोष व्रत करती थी उसके व्रत के प्रभाव के कारण और गंधर्व राजा की सेना की सहायता से राजकुमार ने विदव से शत्रुओं को खदेड़ दिया और पिता के राज्य को पुनः प्राप्त कर आनंद पूर्वक रहने लगा । राजकुमार ने ब्राह्मणी के पुत्र को प्रधानमंत्री बनाया । ब्राह्मणी के प्रदोष व्रत के प्रभाव से जैसे राजकुमार और ब्राह्मणी पुत्र के दिन बदले और अच्छे दिन आये वैसे ही शंकर भगवान अपने दूसरे भक्तों के दिन भी बदलते हैं और अच्छे दिन लाते है अतः सोम प्रदोष का व्रत करने वाले सभी भक्तों को यह कथा अवश्य कहनी और सुननी चाहिए । सभी भक्त कमेंट में शंकर भगवान की जय जरूर लिखे । बोले शंकर भगवान की जय ।
0 टिप्पणियाँ