जोधपुर/सन सिटी/ब्लू सिटी के 5 प्रसिद्ध मंदिरो के बारे में तथ्यात्मक जानकारी/Factual information about 5 famous temples of Jodhpur rajasthan/Sun City/Blue City

 

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जोधपुर के प्रसिद्ध मंदिर


दोस्तों जोधपुर दुनियाभर में मशहूर राजस्थान के एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहरों में से एक है । जोधपुर सनसिटी या ब्ल्यू सिटी के नाम से भी मशहूर है । इस शहर को रंग बिरंगे बाजार, बड़ी बड़ी ऐतिहासिक इमारतो, किले, गार्डन्स और भव्य और सुंदर मंदिरों के लिए भी जाना जाता है ।

जोधपुर सनसिटी या ब्ल्यू सिटी के नाम से मशहूर शहर के 5 प्रसिद्ध मंदिर Most famous temple in Jodhpur ~

1.महामंदिर/Maha mandir Jodhpur~

महामंदिर जोधपुर के मंडोर से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर तथा राइकाबाग रेलवे-स्टेशन व रोडवेज बस स्टैंड से लगभग 1.5 km की दूरी पर मंडोर रोङ पर स्थित एक दिव्य मंदिर है । इस मंदिर के नाम पर ही इस जगह को महामंदिर के नाम से जाना जाता है । साथ ही आप लोगो को बता दे की राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी का पुस्तैनी मकान यहां महामंदिर क्षेत्र मे ही स्थित है । इस मंदिर को नाथ सम्प्रदाय का विशेष स्थल माना गया है । महामंदिर भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अपनी शाही वास्तुकला के लिए फेमस हैं और बड़ी संख्या में भक्तों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है । महामंदिर प्राचीन द्रविड़ शैली में निर्मित है । मंदिर के अंदर की नक्काशी शानदार है और भगवान शिव की मूर्ति तो देखते ही बनती है । यह मंदिर सुबह 5:00 बजे से लेकर के 12:00 बजे तक खुला रहता है । उसके बाद फिर शाम को 4:00 बजे से लेकर के रात को 9:00 बजे तक खुला रहता है । इस महामंदिर के परिसर क्षेत्र मे एक सरकारी स्कूल भी संचालित है ।

2.श्री चामुंडा माता मंदिर ~

जह मंदिर जोधपुर के प्रसिद्ध मेहरानगढ़ किले के परिसर में स्थित है । आप मेहरानगढ किला घूमने जाये तो साथ में माता के दर्शन भी कीजिये । इस मंदिर मे जाने के लिए किसी भी प्रकार का टिकट नही लेना पङता है । इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की यह मंदिर लगभग 500 साल पुराना मंदिर है, इस मंदिर पर 1971 की भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में पाकिस्तान के हवाई जहाजों ने कई बम गिराऐ थे । पर इस शहर और मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ । कहते हैं कि माँ चामुंडा इस शहर की रक्षा करती है । हर साल नवरात्र और दशहरा का त्योहार यहाँ बड़े धूम- धाम से मनाया जाता है । यह मंदिर 24 घंटे खुला रहता है और जैसा आपको पहले ही बताया गया है कि मेहरानगढ़ किले के साथ साथ इस मंदिर में माता के दर्शन करने आप जा सकते हैं ।

चामुंडा माता का मंदिर कहां स्थित है ~

चामुंडा माता का प्रसिद्ध मंदिर जोधपुर शहर मे स्थित मेहरानगढ दुर्ग मे बना हुआ है । यहाँ पर नवरात्रि के 9 दिनो तक विशेष आयोजन होते है ।

चामुंडा माता का मंदिर किसने बनवाया ~

जोधपुर के मेहरानगढ दुर्ग मे स्थित यह चामुंडा माता का मंदिर यहा के शासक राव जोधा ने बनवाया था । चामुंडा माता का मंदिर इस गढ के दक्षिणी छोर पर बना हुआ है ।

3.गणेश जी/गजानंद जी का मंदिर ~

जोधपुर के प्राचीन मंदिरों में से एक रातानाडा में सिद्ध गजानन जी मंदिर स्थित हैं । यह मंदिर जोधपुर का सबसे बड़ा गणेश मंदिर है । सिद्ध गजानन जी मंदिर कला शिल्प का बेहतरीन उदाहरण है । पहाङी पर बने इस मंदिर में जाने के दो रास्ते हैं -एक जो छोटा रास्ता है वहाँ बनी सीढ़ियों द्वारा जाया जा सकता है और दूसरा जो बड़ा रास्ता है वहाँ पर अपनी गाड़ी लेके आप मंदिर के दरवाजे तक जा सकते हैं । मंदिर दिनभर भक्तों के लिए खुला रहता है । गर्मियों में प्रातः 5:30 बजे से लेकर के और 6 बजे तक और फिर शाम को 7:30 बजे से लेकर के 8 बजे तक यहाँ आरती होती है, सर्दियों के समय में यह समय आधा घंटा इधर उधर हो जाता है ।

गजानंद जी मंदिर जोधपुर को इश्किया गणेश जी क्यो कहा जाता है? ~

इस गजानंद जी मंदिर के बारे मे एक मान्यता है, कि जो कोई भी प्रेमी जोड़ा यहाँ आकर अपनी शादी की मनोकामना मांगता है उन जोङो की ईच्छा जल्द ही पूरी हो जाती है । इसलिए इन गजानन जी को "इश्किया गणेश जी" भी कहा जाता है ।

4.श्री राजरणछोड़ जी का मंदिर/Raj Ranchhodji Temple, Jodhpur ~

यह मंदिर जोधपुर का सबसे प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिरों में से एक है । राजरणछोड़ जी का मंदिर रानी राजकंवर ने बनवाया था । यह मंदिर करीब 30 फुट ऊंचा है और इस मंदिर को इतनी उँचाई पर इसलिए बनाया गया ताकि रानी राजकंवर मेहरानगढ़ की प्राचीर से ही श्रीकृष्ण के दर्शन कर सकें । कहते है की शाम को पुजारी जोत लेकर के मंदिर के पीछे के दरवाजे पर आते थे और दुर्ग की प्राचीर पर खड़ी होकर महारानी दर्शन कर लेती थी । रानी ने अपने राज़ के नाम साथ भगवान श्री कृष्ण अर्थात रणछोड़ का नाम जोड़कर के मंदिर का नाम राज़रण छोड़ जी मंदिर रखा । राजरणछोड़ जी मंदिर के पत्थरों पर उत्कीर्ण जानकारी के अनुसार रानी राजकंवर के पुत्र महाराजा सरदारसिंह की मौजूदगी मे 12 जून 1905 को यह मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया । यहाँ एक सराय भी है जिससे हम जसवंत सराय के नाम से जानते हैं । यह मंदिर सुबह 6:30 बजे से लेकर दोपहर के 12:00 बजे तक खुला रहता है । इसके बाद शाम को 5:00 बजे खुलता है और रात को 9:00 बजे तक आप भगवान के दर्शन कर सकते हैं । यहाँ जन्माष्टमी, अन्नकूट व श्रावण मास में झूलो का आयोजन होता है । श्रावण मास में विशाल चांदी से निर्मित झूले में ठाकुरजी को यानी भगवान श्रीकृष्ण को विराजित कर के दर्शन के लिए रखा जाता है ।

5.अचलनाथ शिवालय ~

यह भी एक प्राचीन मंदिर है कहा जाता है की 1531 ईस्वी में राव गांगा की रानी नानक देवी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था । यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है और इस मन्दिर में शिवलिंग के पास एक जलाशय है जिसे गंगा बावड़ी के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर परिसर मे गर्भगृह है, मंडप भवन है, कीर्तन भवन है, और भी कई होल बने हुए है, जो इस मंदिर का मुख्य आकर्षण केंद्र है । यह प्राचीन मंदिर दर्शन के लिए सुबह 10:00 बजे से लेकर के 1:00 बजे तक खुला रहता है, फिर शाम को 2:00 बजे से लेकर 5:00 बजे तक खुला रहता है ।

जोधपुर के दर्शनीय स्थल ~

1.महामंदिर/Maha mandir Jodhpur 2.श्री चामुंडा माता मंदिर 3.इश्किया गणेश जी/गजानंद जी का मंदिर 4.श्री राजरणछोड़ जी का मंदिर 5.अचलनाथ शिवालय 6.मेहरानगढ दुर्ग 7.धींगा घेवर मेला 8. मंडोर के प्रसिद्ध मंदिर व मंडोर गार्डन्स जोधपुर आदि

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