महादेव के छठे ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग/मोटेश्वर महादेव के बारे में तथ्य/Facts about Mahadev's sixth Jyotirlinga Bhimashankar Jyotirlinga/Moteshwar Mahadev

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग


भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की क्या कहानी है?~

भीमशंकर ज्योतिर्लिंगों का वर्णन शिवपुराण में मिलता है, शिवपुराण के अनुसार भीमाशंकर ज्योतिर्लिंगों असम प्रांत के कामरूप जनपद में गुवाहाटी के पास ब्रह्मरूप पहाड़ी पर स्थित है। शिवपुराण में यह भी कहा गया है कि पुराने समय में कुंभकर्ण का पुत्र भीम नाम का एक राक्षस था उसका जन्म ठीक उसके पिता की मृत्यु के बाद हुआ था । अपने पिता की मृत्यु भगवान राम के हाथों होने की घटना जब उसे पता चली तो वे राम जी का वध करने के लिए आतुर हो गया । अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उसने अनेक वर्षों तक कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर उसे ब्रह्मा जी ने विजयी होने का वरदान दिया । वरदान पाने के बाद जब राक्षस निरंकुश हो गया तो उसे मनुष्य के साथ देवी देवता भी भयभीत रहने लगे । उसने सभी तरह के पूजा पाठ बंद करवा दिए और अत्यंत परेशान होने के बाद सभी देवी देवता भगवान शिव जी की शरण में चले गए भगवान शिव ने राक्षस तानाशाह भीम से युद्ध किया और उसे राख कर दिया । भगवान शिव से सभी देवों ने आग्रह किया कि वे इसी स्थान पर शिवलिंग रूप में विराजित हो, उनकी इस प्रार्थना को भगवान शिव ने स्वीकार किया और वे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंगों के रूप में आज वहाँ पर विराजित है ।

पुणे से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की दूरी ~

आज हम बात करेंगे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के बारे में । प्रमुख धार्मिक केंद्र भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर सहाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है । यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है । 3250 फिट की उचाई पर स्थित इस मंदिर का शिवलिंग काफी मोटा है इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है । 

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के पास कौन सी नदी बहती है?~

भीमाशंकर मंदिर के पास से भीमा नामक एक नदी भी बहती है जो कृष्णा नदी में मिलती है ।

भीमाशंकर क्यों प्रसिद्ध है?~

पुराणों में ऐसी मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा से इस मंदिर के प्रतिदिन सूर्योदय के बाद 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम जब्त कर इस मंदिर में दर्शन करता है उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते है । 

भीमाशंकर मंदिर के बारे में क्या खास है?~

इस सुन्दर मंदिर का शिखर नाना फडणवीस द्वारा 18 वीं शताब्दी में बनवाया गया था कहा जाता है कि महान मराठा शासक शिवाजी ने इस मंदिर की पूजा के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की । नाना फडणवीस द्वारा निर्मित एक बड़ा घंटा बनवाया जो भीमाशंकर की एक प्रमुख विशेषता है । अगर आप भीमाशंकर मंदिर जाएं तो आपको हनुमान झील, गुप्त भीमशंकर, भीमा नदी की उत्पत्ति, नागफनी, बॉम्बे पॉइंट, साक्षी विनायक जैसे स्थानों का दौरा करने का मौका मिल सकता है जो आपको बिल्कुल भी नहीं छोड़ना चाहिए । भीमाशंकर मंदिर के पास कमलजा मंदिर है, कमलजा मंदिर पार्वती जी का मंदिर है और यह पार्वती जी का ही अवतार हैं । यहाँ सड़क और रेलमार्ग के जरिए आप आसानी से पहुँच सकते हैं। सबसे अच्छा समय वहाँ पर जाना अगस्त से फरवरी के बीच का है। शिवरात्रि पर भक्तजनों के लिए यहाँ पर एक बहुत बड़े मेले का आयोजन भी किया जाता है ।

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