स्वर्वेद महामंदिर धाम की विशेषता/Specialty of Swarved Mahamandir Dham

  

स्वर्वेद महामंदिर धाम

स्वर्वेद महामंदिर


स्वर्वेद महामंदिर की विशेषता ~

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 18-12-2023 सोमवार को सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर धाम/Swarved Mahamandir Dham का उद्घाटन किया । ये मंदिर ऐतिहासिक रूप से खास होने वाला है क्योंकि इस मंदिर का नाता सीधे सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज से भी जुड़ता है । इसके अलावा पीएम मोदी लगभग 19,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास कार्यों का भी ऐलान किया । 

स्वर्वेद महामंदिर धाम की मुख्य विशेषताए निम्न है ~

सात मंज़िलों वाला यह भव्य मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी से 12 किलोमीटर दूर उमराह में बनाया गया है । यह 105 पंखुड़ियों वाले कमल के गुंबद से सजा हुआ है, प्रत्येक पंखुड़ी की लम्बाई लगभग 6 feet है। यहाँ 20,000 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है । मंदिर 3 लाख स्क्वेयर फिट/6.887 acres से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है और यहाँ मकराना मार्बल पर स्वर्वेद के 3137 छंद भी उकेरे हुए है । 

 स्वर्वेद महामंदिर धाम की आधारशिला सद्गुरु आचार्य स्वतंत्रदेव और संत परिवार विज्ञान देव ने सन् 2004 में रखी थी, तब से ही इसका निर्माण जारी है। इस मंदिर कि खास बात यह है कि निर्माण में 15 इंजीनियरों के साथ साथ 600 कर्मी भी लगे थे । मंदिर में 101 फव्वारें है, मंदिरों की दीवार पर गुलाबी पत्थर लगा हुआ है और आसपास में बड़ा बगीचा है, जहाँ जड़ी-बूटियां लगी हुई है । दरअसल स्वर्वेद के लेखक सदाफल देव जी महाराज ही हैं,  उन्होंने विहंगम योग की स्थापना की थी । सदाफल देव जी महाराज का जन्म 19 वीं सदी में हुआ वे आध्यात्मिक गुरु और विद्वान थे । इस मंदिर से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं कि महामंदिर में सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज की संगमरमर से बनी मूर्ति भी है । मंदिर की वेबसाइट के मुताबिक, महामंदिर दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान का केंद्र या मेडिटेशन सेंटर बनेगा, जहाँ एक बार में 20,000 लोग एकसाथ बैठ सकेंगे । वाराणसी दौरे पर आए पीएम मोदी विहंगम योग के शताब्दी समारोह में भी शामिल हुए  थे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बार मंदिर का दौरा भी किया साथ मे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे ।

इस मंदिर मे एक भी देवी/देवता की मूर्ति बनी हुई नही है और ना ही फोटो लगी हुई है, इस मंदिर मे सदाफल देव जी महाराज की संगमरमर से बनी मूर्ति स्थापित की गई है ।

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