भोलेनाथ/भगवान महादेव के पहले ज्योतिर्लिंग सोमनाथ का रहस्य/Mystery of Bholenath/Lord Mahadev's first Jyotirling Somnath

  

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग


सोमनाथ मंदिर का इतिहास क्या है? ~

आज हम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में बात करेंगे । दोस्तों सोमनाथ एक महत्वपूर्ण प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसकी गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहले सोमनाथ ज्योतिर्लिङ्ग के रूप में होती है । सोमनाथ मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल शहर में समुद्र के किनारे स्थित हैं । इतिहास में मंदिर कई बार बनवाया गया और हर बार किसी मुस्लिम शासक ने तोड़ दिया गया था । वर्तमान में स्थापित मंदिर को आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया था । । 

सबसे पहले किस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें? ~

महादेव के 12 ज्योतिर्लिगो मे से एक ज्योतिर्लिग सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भी है, मान्यताओ के अनुसार इन 12 ज्योतिर्लिगो मे से सबसे  पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को ही माना है । इसीलिए सबसे पहले सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना शुभ माना जाता है । वैसे तो महादेव के किसी भी ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र करने से सभी पाप नष्ट हो जाते है ।

सोमनाथ शिवलिंग की स्थापना कैसे हुई? ~

हिंदू ग्रंथो के अनुसार सोमनाथ मंदिर की स्थापना स्वयं सोमनाथ अर्थात चन्द्रमा ने करवाई थी । सोमनाथ का अर्थ होता है "सोम के नाथ यानी की चंद्रमा के भगवान" सोमनाथ मंदिर के बारे में एक बात यह भी की कही जाती है की यहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण ने प्राण त्याग कर स्वर्ग के लिए प्रस्थान किया था । 

संसार में कितने ज्योतिर्लिंग है? ~

संसार मे कुल 12 ज्योतिर्लिंग है, जिनमे से सबसे पहला सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है ।

सोमनाथ का मंदिर पहली बार किसने बनवाया था? ~

सोमनाथ मंदिर पहली बार किस समय बनवाया गया, इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण तो उपलब्ध नहीं है। फिर भी यह जानकारी प्राप्त है कि 649 में इसे वल्लभी के मैत्रिक राजाओं ने दोबारा बनवाया था । 

गुजरात में सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किसने किया था? ~

इस मंदिर को 725 में सिंध के मुस्लिम सूबेदार अल जुनैद ने तोड़वा दिया था । 815 ईस्वी में प्रतिहार राजा नागभट्ट ने इस मंदिर को फिर बनवाया । 1024 में महमूद गजनवी ने अपने 5000 साथियों के साथ इस मंदिर पर हमला किया, जिसमें उसने 25,000 लोगों का कतल किया और मंदिर की सारी धन दौलत लूट कर ले भागा । इसके बाद भीम देव ने पुनः इस मंदिर को दोबारा बनवाया और 1093 में सिद्धराज जयसिंह ने इस मंदिर की प्रतिष्ठा करवाई । 1168 ईस्वी मे विजेश्वर कुमार और सौराष्ट्र के राजा ने सोमनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण करवाया । 1297 में अल्लाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खान ने गुजरात पर हमला किया । उसने सोमनाथ मंदिर को तोड़ा और साथ ही पवित्र शिवलिंग को भी खंडित कर दिया । 1395 में मुज़फ्फर शाह और 1413 में अहमद शाह ने इस मंदिर को जमकर लूटा । औरंगजेब ने मंदिर को 1665 और 1706 में दो बार तोड़ा और हजारों लोगों को मार भी दिया । आजादी के बाद 1950 में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया । 1961 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने ज्योतिर्लिङ्ग की स्थापना की और 1962 में मंदिर पूरी तरह से तैयार हुआ ।   1995 में सोमनाथ मंदिर को पुन:राष्ट्र को समर्पित किया । 

सोमनाथ मंदिर के बारे में क्या खास है? ~

मंदिर के दक्षिण में एक स्तंभ है उसके ऊपर एक तीर रखकर संकेत दिया गया है कि सोमनाथ मंदिर और दक्षिणी ध्रुव के बीच पृथ्वी का कोई भूभाग नहीं है । 

चैत्रमाह,भाद्रमाह, कार्तिक माह में श्रद्धा का विशेष महत्त्व है । यहाँ हर साल लगभग 1 करोङ लोग दर्शन करने आते हैं । सोमनाथ मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है ।सोमनाथ मंदिर के पास तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम है जिसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है । मन्दिर रोज़ सुबह 6:00 बजे से 9:00 बजे तक खुला रहता है इस दौरान तीन आरती होती है । सुरक्षा कारणों से यहाँ गैर हिंदुओं को जाने के लिए विशेष अनुमति लेनी पङती है ।

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