हिमालय मे स्थित भगवान शिव का प्रिय केदारनाथ मंदिर से जुङे महत्वपूर्ण तथ्य/Important facts related to Lord Shiva's favorite Kedarnath temple located in the Himalayas.

 

केदारनाथ मंदिर
केदारनाथ मंदिर


 केदारनाथ मंदिर इतना प्रसिद्ध क्यों है?/केदारनाथ शिवलिंग का इतिहास क्या है? ~

 चार धामों में से एक है केदारनाथ मंदिर, केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है । कहते हैं भगवान शिव 12  ज्योतिर्लिंगों मे से एक ज्योतिर्लिग के रूप में यहाँ पर प्रकट हुए थे, यह प्राचीन और पवित्र मंदिर रुद्र हिमालय की श्रृंखलाओं पर बना हुआ है । केदारनाथ मंदिर के बाहर दरवाजे के सामने नंदी जी की मूर्ति भी बनी हुई है, जो एक रक्षक का काम करती है ।

हजारों साल पुराना यह मंदिर विशाल पत्थरों से बना हुआ है, मंदिर की सीढ़ियों पर हमें प्राचीन शिलालेख भी दिखाई देते हैं । मंदिर के पवित्र स्थल और उसकी आंतरिक दीवारें पौराणिक कथाओं और बहुत से देवी देवताओं की चित्रकला से विभूषित है । 

केदारनाथ मंदिर के बारे मे तथ्य ~

1.इस प्रतिष्ठित केदारनाथ मंदिर की उत्पत्ति के प्रमाण हमें महान महाकाव्य महाभारत में दिखाई देते हैं।

2.यह मंदिर भारत के उत्तराखंड में केदारनाथ की मंदाकिनी नदी के पास वाली गढवाल हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं पर बना हुआ है। 

3.यहाँ पर चरम मौसम की स्थिति के कारण केदारनाथ मंदिर अप्रैल से कार्तिक पूर्णिमा यानी नवंबर तक ही खुला रहता है । सर्दियों के मौसम में केदारनाथ के भगवान शिव की मूर्ति को उखीमठ ले जाया जाता है और वहाँ छ: महीने तक उनकी पूजा की जाती है । भगवान शिव की पूजा केदारनाथ धाम के नाम से की जाती है।


केदारनाथ पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?/केदारनाथ के लिए कौन सा मार्ग बेहतर है? ~

यह मंदिर 3581 मीटर की उँचाई पर बना हुआ है, सीधे रास्ते से हम और आप इस मंदिर में नहीं जा सकते, मंदिर तक पहुंचने के लिए गौरीकुंड से आपको 21 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करनी पड़ती है । केदारनाथ मंदिर तक जाने के लिए गौरीकुंड में टट्टू और मेनन की सेवाएं भी प्रदान की जाती है ।


पांडवों ने केदारनाथ क्यों बनवाया था? ~

पुराणिक मान्यताओ के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था तथा आदि शंकराचार्य ने इसे पुनर्जीवित करवाया साथ ही यह मंदिर 275 पादल पत्र स्थलों में से भी एक है । कहा जाता है कि पांडवों ने केदारनाथ में तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था ।

  भारत में उत्तरी हिमालय के छोटे चार धामों में से एक यह मंदिर है, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह सर्वोच्च है । 2013 में उत्तर भारत में आई बाढ़ की वजह से केदारनाथ और उसके आसपास का क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ । केदारनाथ और उसके आसपास के क्षेत्रों को इस बाढ से काफी क्षति पहुंची लेकिन मंदिर के आंतरिक भाग को इससे ज्यादा क्षति नहीं पहुंची । केदारनाथ मंदिर के चारों तरफ फैले विशालकाय पहाड़ बाढ़ से मंदिर की रक्षा करते हैं लेकिन वर्तमान में यहाँ की परिस्थिति सुधर चुकी है और अब आम लोगों के लिए केदारनाथ के द्वार फिर खुल चूके हैं ।

हर हर महादेव ।

जय केदारनाथ बाबा की ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ