किस गृह के रूठने से क्या परेशानी आती है?/What is the problem caused by the sulking of which house?

गृह
 गृह के रूठने से परेशानी


गृह नक्षत्र ~

 दोस्तों, कई बार आपने देखा होगा कि कई लोगों को काफी बीमारियां लग जाती है या फिर ऐसी ऐसी परेशानियां आती है की उनका इलाज ही नहीं होता, लेकिन ये सब तब होता है जब हमारा कोई न कोई ग्रह रूट जाता है। अब ये बातें आपने शायद ही पहले कभी सुनी होगी। इसलिए आपके मन में जरूर एक सवाल उठ रहा होगा कि आखिर पता कैसे चले की कौन सा गृह हमसे रूठ गया है?  तो आइये जानते हैं कि किस ग्रह के रूठने पर क्या क्या दिक्कत आती है

1. सूर्य ~

 अगर आपकी कुंडली में सूर्य नाराज हैं तो चेहरे से तेज गायब हो जाएगा। हमेशा थका हुआ और आलसी महसूस करते रहेंगी। ह्रदय के आसपास दर्द का अनुभव ,अक्सर ह्रदय कि धड़कन सामान्य से ज्यादा रहना या छोटी छोटी बातों से धड़कन बढ़ जाना। अगर ये लक्षण आपके जीवन में देखने को मिल रहे हैं तो समझ जाईये आप को भगवान सूर्य को प्रसन्न करने की आवश्यकता है। 

2. चन्द्रमा ~

 अगर आपका चन्द्रमा खराब है तो मन अक्सर दुखी या निराश रहता है। छोटी छोटी बातो पे रोना आ जाता है। मानसिक रूप से अक्सर यह हमेशा बेचैनी महसूस करते रहते हैं। अंधेरे से भय लगता है। पूर्णिमा या अमावस्या को मानसिक तनाव बहुत बढ़ जाता है। जो कार्य आप करते हैं उसमें मन नहीं लगता या पर्याप्त मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती प्रियजनों के साथ न चाहते हुए भी अनबन होना सर्दी जुकाम की समस्या पीछा नहीं छोड़ रही है। अगर ये सब लक्षण आपको अपने जीवन में दिख रहा है तो ये मान लेना चाहिए की आपका चंद्रमा अशुभ है। 

3. मंगल ग्रह ~

 कुंडली में मंगल ग्रह के खराब होने पर आँखों में अक्सर कोई दिक्कत बनी रहती है। जोड़ों में दर्द का होना, खून की कमी होना, टाइफाइड या पीलिया जैसे रोग होना  प्रक्रम या उत्साह की कमी होना, वाणी से कर्कश होना, ना चाहते हुए भी किसी को बुरा भला कह देना और बाद में पछताना। ये सारे लक्षण मंगल ग्रह के खराब होने के संकेत है।

4..बुध गृह ~

. बुध गृह खराब होने पर व्यक्ति का हकलाकर बोलना, बार बार हिचकियां आना या किसी भी प्रकार की वाणिज्य से जुड़ी समस्या, पड़ोसियों से कले रहना, नर्वस सिस्टम का कमजोर पड़ना, दिमाग अक्सर भ्रमित रहना इन लक्षणों के दिखने पर समझ जाना चाहिए की जीवन में बुध ग्रह। उदास है। 

5. बृहस्पति ग्रह ~

  बृहस्पति ग्रह अर्थात गुरु के खराब होने पर। बेवजह अपयश मिलना अर्थात किसी और का दोष अपने सिर पर आना, स्वास्थ दोष का शिकार होना, धन की चोरी होना, प्रेम में असफल होना, बुरे सपने आना, मंगल कार्यों में विघ्न, आना, आवेश ऊर्जा की कमी होना ये सब बृहस्पति ग्रह के कमजोर होने के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत ही बृहस्पति ग्रह को मनाने के उपाय शुरू कर देने चाहिए।

6. शुक्र ग्रह ~

अगर आप का शुक्र ग्रह खराब है तो त्वचा रोग से बार बार पीड़ित होना। पराऔरत  की कामना करना, गुप्त रोग से पीड़ित होना, कर्जे में डूबे रहना, खूब परिश्रम करने के बावजूद आर्थिक लाभ न होना यह सारे लक्षण दिखने पर शुक्र ग्रह को खुश करने के उपाय करने चाहिए। 

7. शनि ग्रह ~

 कुंडली में शनि ग्रह का दोष होने पर रोजगार  में हानि होना, समाज में मान सम्मान में हानि, अचानक किसी बड़ी बिमारी की चपेट में आना तथा लंबे समय तक ठीक नहीं होना, दुर्घटना होना या परिवार में अचानक अकाल मृत्यु होना। अपने कार्यस्थल पर दूसरे कर्मचारियों से मतभेद होना, हर कार्य विलंब से होना, ये सारे लक्षण दिखने पर अविलंब शनि महाराज को खुश करने के उपाय करने चाहिए, क्योंकि शनि ग्रह को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। अगर समय में इसका उपाय ना किया जाए तो कोई बड़ी क्षति झेलनी पड़ सकती है।

8. राहु ~

 अगर आपके जीवन में राहु कमजोर है तो आपको अनिद्रा से परेशानी, किसी भी कार्य को करने में अरुचि, रोजगार में हानि, बुरे सपने आना, खासकर सांपों के स्वपन बार बार आना, परिवार के सदस्यों से बेवजह मतभेद होना, अपने से कमजोर दुश्मनों का भी आपके ऊपर हावी होना, ये सारे लक्षण अगर देखें तो समझ जाना चाहिए की कुंडली में राहु दोष शुरू हो गया है।

 9. केतु ~

 व्यवसाय में अचानक बहुत भारी नुकसान होना, कर्ज से डूबते जाना, लड़ाई झगड़े से हमेशा परेशान रहना। आग के कारण आर्थिक क्षति जैसे दुकान में आग लगना या घर में आग लगना, भाइयों से या माता पिता से मतभेद हो जाना, ये सभी लक्षण केतु के अशुभ होने के संकेत हैं। इस तरह के लक्षण दिखे तो केतु के दोष का निवारण का उपाय अवश्य करें। 

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