शास्त्रो के अनुसार दिया / दीपक जलाने के सही नियम /Correct rules for lighting lamps as per the scriptures

दिया/दीपक

दिया / दीपक जलाने का नियम


 दीपक जलाने का नियम ~

1. पूजा में जलाये जाने वाले दीया / दीपक को कभी भी देवी देवताओं के प्रतिमा के ठीक सामने नहीं रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार भगवान के दायें हाथ की तरफ घी का दीपक जलाना चाहिए और भगवान के बाएं हाथ की तरफ तेल का दीपक जलाना चाहिए। 

2.मिट्टी या अन्य धातु से बने खंडित दिया / दीपक को कभी भी पूजा में नहीं जलाना चाहिए। 

3.ईश्वर की पूजा में हमेशा स्नान ध्यान करने के बाद शुद्ध एवं पवित्र मन से दिया / दीपक जलाना चाहिए और ऐसा करते समय क्रोध भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

4. भगवान के लिए चलाए जाने वाले दीये / दीपक को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए , उसे किसी आसन या फिर पात्र के ऊपर ही रखना चाहिए। 

5.पूजा में दीपक जलाते समय "शुभम करोति कल्याणम आरोग्य धन संपदा शत्रु बुद्धि विनाशाय ए दीपक ज्योति नमोस्तुते।" मन्त्र को अवश्य पढ़ना चाहिए।

6. पूजा में जलाये जाने वाले दीपक को हमेशा भोर के समय से लेकर सुबह 10:00 बजे तक और शाम को 5-7 बजे तक जलाना शुभ माना जाता है।

7. यदि आप वैष्णव परंपरा से जुड़े हैं तो आपको हमेशा पूजा में गाय के दूध से बने शुद्ध घी का दिया / दीपक ही जलाना चाहिए। 

8.वास्तु के अनुसार पूजा में जलाये जाने वाले दीपक की बाती की लो को कभी भी पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर ना रखें। मान्यता है कि इस नियम की अनदेखी करने वाले को सुख की बजाय अशुभ परिणाम झेलने पड़ते हैं।

9.यदि ईश्वर की पूजा में दिया चलाते समय किसी कारणवश बूझ जाए तो ऐसा होने के लिए ईश्वर से क्षमा मांगे और दुबारा दिया जलाएँ .

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