जानें वास्तु और धार्मिक दृष्टि से तुलसी पूजन का महत्त्व/Tulsi importance Vaastu and religious point of view

  

तुलसी पूजन का महत्त्व
तुलसी के पूजन का महत्त्व

वास्तु और धार्मिक की दृष्टि से तुलसी का पूजन ~

 हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्त्व होता है। तुलसी का पौधा बहुत ही पूजनीय माना गया है। देवी देवताओं को भोग में तुलसी के पत्तों को चढ़ाने की परंपरा है, लेकिन भगवान शिव और भगवान गणेश को तुलसी नहीं चढ़ाया जाता है। तुलसी को हरी प्रिया कहते हैं, यह देवी लक्ष्मी का रूप मानी गई है। घर पर तुलसी के पौधे को लगाने और पूजन से जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।

 शास्त्रों में घर में तुलसी का पौधा लगाने और पूजन करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है और सुबह शाम पूजा सेवा होती है उस घर में हमेशा माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

 तुलसी के पौधे का विशेष महत्त्व ~

 सकारात्मक ऊर्जा के लिए तुलसी का पौधा बहुत ही उपयोगी होता है। आइए जानते हैं तुलसी के पौधे का महत्त्व और पूजा करने के नियम। रोज़ तुलसी के पौधे की सेवा और पूजन करने से जीवन में कई तरह के सकारात्मक बदलाव आते हैं और नई ऊर्जा का संचार होता है। रविवार, एकादशी और सूर्य व चंद्र ग्रहण के समय तुलसी को जल नहीं चढाना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन तुलसी के पत्तों को भी नहीं तोड़ना चाहिए। भगवान विष्णु, हनुमान जी और श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा तुलसी दल के बिना पूरी नहीं मानी जाती है। पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते और गंगाजल को बासी नहीं माना जाता। 

 तुलसी का पौधा लगाने के नियम ~

 वास्तु के अनुसार घर में तुलसी के पौधे के लिए उत्तर, उत्तर, पूर्व या पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए, तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए। हरी भरी तुलसी सुख, समृद्धि और सौभाग्य का सूचक है। साथ ही यह परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए भी शुभ माना जाता है।

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