शनिवार के दिन शनिदेव के साथ साथ हनुमान जी की भी पूजा क्यों की जाती हैै?/ Why is Hanuman ji also worshiped along with Lord Shani on Saturday?


शनिदेव के साथ साथ हनुमान जी की भी पूजा
मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है

 शनिदेव के साथ साथ हनुमान जी की भी पूजा ~


 मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं और संकटमोचन हनुमानजी उनकी सदैव रक्षा करते हैं।  लेकिन क्या आप जानते हैं की शनिवार को हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है?  हनुमानजी और शनिदेव में क्या संबंध है?  मान्यता है कि शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से। शनि की साढ़े साती से होने वाले कष्टों का निवारण हो जाता है। राम भक्त हनुमान जी की शनिवार को पूजा करने से शनि का प्रकोप नियंत्रित होता है। इसके पीछे पुराणो में एक कथा है।  रामायण काल में जब हनुमानजी सीता माता को ढूंढ़ते हुए लंका पहुंचे। तो उन्होंने वहाँ एक कारागार में शनिदेव को उल्टा लटके देखा। बजरंगबली जी ने ,जब शनिदेव से इसकी वजह पूछी तो उन्होंने बताया। की रावण ने अपने योग बल से उनके सहित कई अन्य ग्रहों को भी कैद कर रखा है। रावण की इच्छा थी की उसका पुत्र दीर्घायु होने के साथ साथ सर्वशक्तिमान भी हो। इसलिए जब रावण की पत्नी मंदोदरी गर्भवती हुई तो उसने सभी ग्रहों को शुभ स्थिति में रख दिया। हनुमानजी ने शनिदेव के साथ साथ सभी ग्रहों को रावण के कारागार से मुक्त करा दिया। इससे प्रसन्न होकर शनिदेव ने हनुमानजी से कोई वरदान मांगने को कहा। हनुमान जी ने वरदान में एक वचन मांग लिया जिसके अनुसार कलयुग में शनिदेव हनुमान भक्तों को अशुभ फल नहीं देंगे। शनि देव ने यह वचन दे दिया था कि जो कोई व्यक्ति शनिवार को हनुमान जी की पूजा करेगा वे उस पर अपनी वक्र दृष्टि नहीं डालेंगे। तब से शनिवार के दिन शनिदेव के साथ साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाने लगी।

 मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा कैसे रे~

  इस दिन लाल रंग के फूल, सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करने का विशेष महत्त्व है। इसके साथ गुड़ व चने का भोग लगाना चाहिए एवं सुंदरकांड या हनुमान चालीसा पढ़ने से विशेष लाभ होता है ।

जय बजरंग बली ।

जय शनिदेव की ।


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