Suriya bhagwan ki puja q ki jati hai/सूर्या भगवान की पूजा क्यों की जाती है?

 

सूर्य भगवान
सूर्य भगवान

सूर्य भगवान की कहानी ~


अगर आपको ये कहानी पसंद आये तो कमेंट बॉक्स में सूर्य भगवान की जय अवश्य लिखें। किसी गांव में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी तथा बेटे के साथ रहता था। ब्राह्मण का बेटा रोज़ सुबह उठता, नहाता धोता और अपनी मां से रोटी मांगता था। 1 दिन उसकी माँ ने कहा, बेटा। तुम कोई नित्य नियम रख लो। लोग तो सुबह सुबह नहा धोकर मंदिर जाते हैं, पूजा पाठ करते हैं, फिर खाना खाते हैं, लेकिन तुम तो सुबह उठते ही खाना खा लेते हो। माँ की बात सुनकर ब्राह्मण का बेटा सुबह उठकर नहा धोकर सूर्य भगवान के दर्शन करके खाने का नियम बनाता है। इसी तरह समय बीतता जाता है। 1 दिन सूर्य भगवान ने सोचा मैं ब्राह्मण के पुत्र की परीक्षा लेकर देखता हूँ कि यह मेरे दर्शन सच्चे मन से करता है या नहीं। फिर 1 दिन सूर्य भगवान ब्राह्मण के पुत्र की परीक्षा लेने के लिए बादल में छिप जाते है। जब ब्राह्मण के पुत्र को सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते तो वे भूखे प्यासे उनके दर्शन के लिए बाहर निकल जाता है। चलते चलते ब्राह्मणपुत्र एक जंगल में पहुँच जाता है और सूर्य भगवान को इधर उधर ढूंढने लगता है। सूर्य भगवान को ढूँढते ढूँढते शाम हो जाती है, लेकिन ब्राह्मण पुत्र को सूर्य भगवान के दर्शन नहीं होते। उधर उसी जंगल में चार चोर आते हैं और वो चोर अपना चोरी किया हुआ धन आपस में बांटने के लिए वहीं रुक जाते हैं। इधर सूर्य भगवान ब्राह्मण पुत्र की भक्ति देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं और सोचते है की यह ब्राह्मणपुत्र तो मेरा सच्चा भक्त है। इसे भूखे प्यासे पूरा दिन हो गया फिर भी इसने हार नहीं मानी और मेरे दर्शन के लिए व्याकुल है। फिर सूर्य भगवान ने। भूखे प्यासे ब्राह्मण पुत्र को दर्शन दिए। सूर्य भगवान को देखकर ब्राह्मण पुत्र बहुत खुश हो गया और वह ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा दिख गया दिख गया। उधर वो चोर आपस में धन बांट रहे थे। ब्राह्मण पुत्र की आवाज सुनकर चारों चोरों को लगा कि उनको धन बाँटते हुए इसने देख लिया है। फिर वो चोर ब्राह्मण पुत्र के पास आते हैं और उससे पूछते हैं तुमने क्या देखा और अब अगर देख ही लिया है तो ये बात किसी को मत बताना, हम तुम्हें भी आधा धन दे देंगे। उन चोरों ने ब्राह्मण पुत्र को आधा धन दे दिया। धन लेकर ब्राह्मण पुत्र अपने घर वापस आ गया और अपनी मां से कहा दरवाजा खोलो तब मां ने अपने पुत्र से पूछा बेटा पूरे दिन से कहाँ गए थे? अब तुम कोई नियम मत रखो, तब बेटे ने कहा माँ पहले तुम दरवाजा तो खोलो मुझ पर भगवान सूर्य देव प्रसन्न हुए हैं। और उन्होंने मुझे दर्शन दिए है। माँ ने दरवाजा खोल दिया अंदर आकर ब्राह्मण पुत्र ने कहा देखो माँ सूर्य देव की कृपा से मैं कितना सारा धन लेकर आया हूँ और माँ सूर्यदेव ने मुझे दर्शन भी दिए हैं। माँ धन देखकर बहुत खुश होती है। माँ, बेटे दोनों ही बहुत खुश होते हैं और दोनों नियम पूर्वक सूर्य देव का पूजा पाठ करने लगते हैं। सूर्यदेव की कृपा से ब्राह्मण का परिवार बहुत सुखी रहने लगता है।   सूर्य भगवान जैसे आपने ब्राह्मण पुत्र पर अपनी कृपा की, वैसी ही अपने सभी भक्तों पर सदा अपनी कृपा बनाए रखना ।

जय सूर्यदेव की ।

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