हनुमान जी और बूढ़ी माँ की कथा /कहानी//Story of Hanuman ji and old mother

हनुमान जी
हनुमान जी




 किसी गांव में एक बूढ़ी माँ रहती थी। जो हनुमान जी की परम भक्त थी। वे हनुमान जी का  पूजन नियम से किया करती थी। बूढ़ी माँ रोज़ एक रोटी का चूरमा बनाती और हनुमान जी को भोग लगाती और कहती लाल लंगोटो हाथ में सोटो ले बाबा तू साबुत रोटो। मैं तनु देउ  तड़के तु मने दिये बुढ़ापे। जब बहु देखती कि सासूजी चूरमा बनाकर रोज़ कहाँ ले जाती है। तब 1 दिन बहू ने कहा। सासु जी। आपको जितना चाहिये आप ले लीजिये लेकिन गांव में बांटने के लिए चूरमा नहीं है। इसके बाद बहू सासु जी को खुद थाली परोसकर देने लगी। तो सासु उसमें से आधा भोग बजरंगबली को लगा देती। बहू ये सब देखती। इसके बाद बहू अपनी सास को चौथाई भोग देने लगी तब उसकी सास। बजरंगबली को पूरा भोग लगा देती फिर बहू ने अपनी सास को भोग देना बंद कर दिया। सास भूखी प्यासी कमरे में बंद हो गई। तब रात को हनुमान जी आए और बोले लाल लंगोटो हाथ में सोटो ले माई तु साबुत रोटो। तब उस बूढ़ी माँ ने रोटा लेकर चूरमा बनाया। और बजरंग बली को भोग लगाया और खुद भी खा लिया। इसी तरह समय बीतने लगा। 1 दिन बहू ने सोचा इतने दिन हो गये सासु जी बिना खाये पिए है फिर भी  मोटी गड़ी हो रही है। तब बहू ने अपने बच्चों को। सासु माँ के पास भेज दिया और कहा कि जाओ देखो दादी क्या खाती है। तब बच्चों ने देखा रात को हनुमान जी आये, रोटा दिया। बूढ़ी माँ ने चूरमा बनाकर भोग लगाया और उसके बाद खुद भी खाया। और बच्चो को भी खिलाया। सुबह बच्चे  जब अपनी माँ के पास गये तो उन्होंने माँ को बताया कि माँ दादी के पास एक लाल मुँह का बंदर आता है और वो ही रोटा देकर जाता हैं। इधर बहू के घर में धन संपत्ति का विनाश होने लगा। दूसरे दिन वह रात को चुपचाप देखती रही। जैसे ही बजरंगबली आए। बहू ने उनका पांव पकड़ लिया। बजरंगबली बोले अरे पापिन मैं बाल ब्रह्मचारी हूँ, तू मेरा पांव मत पकड़, मुझे छोड़ दे तब बहू ने कहा। की भगवान आप मुझे माफ़ कर दीजिये तभी मैं आपके पांव छोड़ दूंगी। हनुमान जी ने कहा। तूने मेरे भक्तों को पूजा करने से रोका, अब मुझसे क्यों माफी मांग रही है, बहू ने कहा। भगवान मेरी आंखें खुल गई। अब मैं मना नहीं करूँगी। सासु माँ जितना चाहें उतना भोग लगा सकेंगे। जैसे चाहे आप की भक्ति कर सकते हैं। और मैं भी अपनी सासु माँ के साथ मिलकर आपकी पूजा किया करूँगी। तब हनुमानजी ने कहा ठीक है, जाओ अब सब ठीक हो जाएंगे। उसके बाद बहू, बेटा। अपनी माँ के साथ हर मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने लगे। हनुमान जी की कृपा से उनके घर में फिर से धन, सम्पत्ति सब कुछ आ गया। और बहु बेटा और माँ साथ साथ सुखपूर्वक रहने लगे।  

जय हनुमान जी की ,हनुमान जी जैसे आपने अपने भक्त बूढ़ी माँ पर कृपा की, वैसे ही अपने सभी भक्तों पर कृपा बनाए रखना ।

जय हनुमान जी की ।


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